भारत के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संसथान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान (एम्स ,AIIMS) को सहना पड़ा कुछ देर का ठहराव| आइये जानते है AIIMS Cyber Attack News की पूरी ख़बर विस्तार से
All India Institutes of Medical Sciences
बीते महीने देश के सबसे प्रसिद्ध मेडिकल इंस्टिट्यूट एम्स में 23 नवम्बर साइबर हमला हुआ| हमले में एम्स के चार सर्वर, दो एप्लीकेशन सर्वर, एक डेटाबेस और एक बैकअप सर्वर प्रभावित हुए हैं|
इस हमले का कहर पुरे एक हफ्ते तक रहा|
परेशानी का आलम यह रहा की सभी कार्यों को स्ताघित करना पड़ा और ज़्यादातर चीज़ें मैन्युअली ऑपरेट करी गयीं|
AIIMS Cyber Attack News के बारे में
कैसे दिया गया इस हमले को अंजाम? AIIMS Cyber Attack
विशेषज्ञों का यह मान न है की हांगकांग की दो ईमेल आईडी से एम्स के सर्वर पर साइबर अटैक को अंजाम दिया गया इसमें चीन की भागेदारी भी सामने आ रही है ऐसा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूज़न स्ट्रेटेजिक ऑपरेशन (IFSO) का कहना है| दिल्ली पुलिस इस मामले में जल्द ही विदेश मंत्रालय को इस घटना से अवगत करेगी|
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करोडो लोगों की डाटा चोरी का है ख़तरा!!!
स्पेशल सेल ने एम्स की सर्वर की इमेजिंग को गुजरात की साइंस यूनिवर्सिटी में भेजा है| यह डाटा लगभग 05 terabyte का है इस कारन जाँच की रिपोर्ट आने में हुमें और देरी का सामना करना पड़ेगा| रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी स्तिथि का सहीं अनुमान लगाया जा सकेगा|
इन आईडी के ज़रिये हुई AIIMS Cyber Attack
dogA2398@protomail. Com – HONGKONG
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क्या है इन साइबर हमलावरों की मांग?
PTI के मुताबिक हमलावरों ने एम्स दिल्ली से 200 करोड़ (अनुमानित) रुपये क्रिप्टो-करेंसी के रूप में मांगे थे| किन्तु इस बात से दिल्ली एम्स प्रशाशन ने साफ़ तौर से ख़ारिज किया है की 200 करोड़ रुपये क्रिप्टो-करेंसी के रूप में मांगने की कोई बात नहीं हुई है
रिसर्च कार्यों में भी आ रही है समस्याएं
AIIMS दुनिया भर में अपने शिक्षण की गुणवत्ता और यहां किए गए शोध कार्य के लिए जाना जाता है. हालांकि सर्वर हैक होने के बाद से अस्पताल की तमाम एडवांस रिसर्च प्रभावित हुए है| AIIMS Cyber Attack News
डॉक्टरों ने बताया कि वे ई-लाइब्रेरी को पुनः प्राप्त करने या अन्य वेबसाइटों का उपयोग करने में असमर्थ हैं, जिससे शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहा है. ऐसे ही न्यूरोसाइंस विभाग के एक वरिष्ठ फैकल्टी ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से, फैकल्टी का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि वे विश्लेषण या छात्रों को पढ़ाने के लिए मरीजों के रिकॉर्ड नहीं पहुंच सकते हैं. फैकल्टी को डर है कि अगर नए सर्वर लाए जाते हैं तो केस स्टडी और अध्ययन बड़ी मात्रा में डेटा उपलब्ध नहीं हो पाएगा.
एम्स में साइबर सुरक्षा के लिए क्या होंगे इंतेजाम?
एम्स के सर्वर पर हुए रैनसमवेयर अटैक की घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन साइबर सुरक्षा के लिए नीति तैयार करने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में एम्स प्रशासन एक मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (सीआइएसओ) की नियुक्ति करेगा। सीआइएसओ की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर जल्द होगी।
आइसीईआरटी (इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम), एनआइसी (नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर), दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की साइबर सेल, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी सहित कई एजेंसियां एम्स के सर्वर पर हुए रैनसमेवयर अटैक की घटना की जांच कर रही हैं। साइबर सुरक्षा को लेकर संस्थान की लापरवाही आई थी सामने जांच में साइबर सुरक्षा को लेकर संस्थान की लापरवाही सामने आई थी।
साइबर सुरक्षा के लिए एम्स के कंप्यूटर सिस्टम पर फायरवाल, एंटीवायरस जैसे जरूरी साफ्टवेयर भी अपलोड नहीं किए गए थे। इस वजह से एम्स के दो कंप्यूटर एनालिस्ट निलंबित किए जा चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियों से मिले सुझाव के आधार एम्स अब साइबर अटैक की घटना से बचाव की पुख्ता व्यवस्था करने में जुटा है। बताया जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों ने एम्स को साइबर सुरक्षा से जुड़े उपाए के बाद अस्पताल के सर्वर को शुरू करने का सुझाव दिया है।
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