Indonesia :- इंडोनेशिया के बाली में हाल ही में हुए G-20 Summit का आयोजन किया गया| भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस summit में हिस्सा लिया| माननीय प्रधानमंत्री जी ने कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की,क्या है पूरी खबर आइये विस्तार से जानते हैं|
इस Article में :-
- क्या है G-20?
- क्या है G-20 के उद्देश्य?
- कैसा रहा भारत का रुख G-20 summit में ?
- भारत के लिए क्या है G-20 (2023) के मायने ?
आपको बताते चले की यह summit Indonesia में की जा रही है| Indonesia के राष्ट्रपति Joko WIdodo ने
भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का स्वागत करते हुए उनका सम्मान किया|
अगले साल भारत इस summit को पेश करेगा जो की वर्ष 2023 में जिसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि की जा चुकी है|
क्या है G-20?
20 वित्त मंत्रियों और central bank के गवर्नर्स के समूह (G-20) जो की विश्व की 20 प्रमुख economy के
वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर्स का एक संगठन है | इस संगठन में कुल 19 देशों और एक European संघ शामिल है | इस summit का प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद् के अध्यक्ष औए यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने किया है| इसकी स्थापना वर्ष 1999 में हुई थी|
G-20 की हिस्सेदारी वाले देश निम्न हैं :-
- ARGENTINA
- AUSTRALIA
- BRAZIL
- CANADA
- CHINA
- FRANCE
- GERMANY
- INDIA
- INDONESIA
- ITALY
- JAPAN
- MEXICO
- RUSSIA
- SAUDI ARABIA
- SOUTH AFRICA
- NORTH KOREA
- TURKEY
- GREAT BRITAIN
- UNITED STATES
- EUROPEAN UNION
![G-20](https://itslore.com/wp-content/uploads/2022/12/WhatsApp-Image-2022-12-25-at-12.48.48-AM-jpeg.webp)
प्रत्येक वर्ष स्पेन के अलावा, जी20 के सदस्यों में एशियाई देशों के अध्यक्ष, दो अफ्रीकी देश और एक देश (कभी-कभी एक से अधिक) G-20 के अध्यक्ष द्वारा आमंत्रित किया जाता है, आमतौर पर वे अपने ही क्षेत्र से होते हैं। इस वर्ष भारत 30 दिसम्बर 2023 तक G-20 का अध्यक्ष बना रहेगा जिसके अध्यक्ष श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी है, जो भारत देश और हर एक भारतीय के लिए गर्व की बात है|
क्या है G-20 के उद्देश्य?
इस साल G-20 summit की Theme “Recover Together, Recover Stronger” रही|
COVID-19 की मार पुरे देश ने झेली है, इसको ध्यान में रखते हुए इस summit का यह थीम रखा गया|
G-20 के उद्देश्य निम्न लिखित हैं :-
- वैश्विक आर्थिक स्थिरता, सतत विकास प्राप्त करने के लिए इसके सदस्यों के बीच नीतिगत समन्वय स्तापीत करना|
- वित्तीय नियमों को बढ़ावा देना जो जोखिमों को कम करते हैं और भविष्य के वित्तीय संकटों को रोकने में सक्षम हैं|
- एक नई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना का निर्माण करना और उन्हें शसक्त करना|
कैसा रहा भारत का रुख G-20 summit में ?
प्रधानमंत्री मोदी ने G20 सदस्य देशों को संबोधित करते हुए कहा कि “भारत यह जिम्मा ऐसे समय पर उठा रहा है, जब पूरा विश्व Geo-Thermal Pressure, Economic Recession, खाद्यान्नों और ऊर्जा की बढ़ रही कीमतों और कोरोना के दीर्घकालीन दुष्प्रभावों से एक-साथ जूझ रहा है| ऐसे समय में विश्व G20 की ओर आशा भरी नज़रों से भारत की ओर देख रहा है| इंडोनेशिया में चले दो दिन के G20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति के साथ ही इसके सदस्यों ने एक संयुक्त घोषणापत्र भी जारी किया|
भारत को G20 की अध्यक्षता मिलने पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री Rishi Sunak ने कहा है कि “G20 की अध्यक्षता भारत को मिलना बहुत ही उत्साहपूर्ण खबर है|” अपनी बातों को आगे बढ़ाते उन्होंने भारत के साथ ट्रेड डील को लेकर कहा कि “हमें भारत के साथ इस समझौते पर बने रहने होगा, लेकिन पहले हमें कुछ चीजें को दुरुस्त करने की ज़रूरत पड़ेगी|
भारत के लिए क्या है G-20 (2023) के मायने ?
2023 शिखर सम्मेलन आयोजित करने वाले भारत का महत्व निम्नलिखित है :-
- भारत की G20 अध्यक्षता भारत के लिए वैश्विक महत्व के वर्त्तमान मुद्दों पर वैश्विक एजेंडे में योगदान करने का एक विशेष अवसर भारत के लिए नज़र आता है|
- यह ग्लोबल साउथ लीडर की भूमिका निभाने का अवसर है|
- एक ऐसी दुनिया में G20 का बढ़ता महत्व जहां ग्लोबल वार्मिंग, COVID-19 महामारी और यूक्रेन में संघर्ष जैसे मुद्दे दबाव के मुद्दे हैं।
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