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Hathras Satsang Incident : यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़, हादसे में 116 से ज्यादा की मौत

Hathras Satsang Incident
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Hathras Satsang Incident :- उत्तर प्रदेश के हाथरस शहर में एक धार्मिक बैठक के दौरान हुई एक भयानक भगदड़ ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है और बड़ी सभाओं से जुड़े जोखिमों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। भोले बाबा के सम्मान में आयोजित एक सत्संग के दौरान, 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए, जिससे यह हाल की सबसे घातक घटनाओं में से एक बन गई। यह त्रासदी प्रमुख आयोजनों के दौरान कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल के महत्व को उजागर करती है और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सार्वजनिक सुरक्षा के प्रबंधन से जुड़ी चुनौतियों को उजागर करती है।

Hathras Satsang Incident भगदड़ का विवरण

हाथरस में भोले बाबा सत्संग में कार्यक्रम के अंत में अत्यधिक भीड़ के कारण दुखद भगदड़ मच गई। सिकंदरा राव थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर आशीष कुमार के अनुसार, इसका मुख्य कारण वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। पुलराई गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं, लेकिन ऊबड़-खाबड़ जमीन के कारण वहां अफरा-तफरी मच गई, जिसके कारण कार्यक्रम स्थल से निकलते समय लोग एक-दूसरे के उपर से भाग रहे थे।

कार्यक्रम का स्थान और समय  Hathras Satsang Incident

यह घटना हाथरस जिले के पुलराई गांव में भोले बाबा के सम्मान में आयोजित एक धार्मिक समागम में हुई। इस सत्संग में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे, जो आध्यात्मिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए उत्सुक थे। कार्यक्रम समाप्त होने के कुछ ही समय बाद भगदड़ मच गई, जिससे इस बात की ओर ध्यान गया कि इतने बड़े समागम में सुरक्षा बनाए रखना कितना मुश्किल है। हालाँकि इस कार्यक्रम को स्थानीय अधिकारियों ने अनुमति दी थी और शांति बनाए रखने के लिए पुलिस को भेजा गया था, लेकिन एहतियाती उपाय आपदा को टालने के लिए पर्याप्त नहीं थे।

Hathras Satsang Incident

अधिकारियों की प्रतिक्रिया Hathras stampede Incident

हाथरस सत्संग में हुई दुखद भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों को तुरंत राहत कार्य करने के लिए घटनास्थल पर जाने का आदेश दिया। साथ ही, उन्होंने घायलों के लिए 50,000 रुपये और मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। अतिरिक्त डीजी आगरा के निर्देशन में घटना की विस्तार से जांच करने और सभी को जवाबदेह बनाने के लिए तुरंत एक जांच समिति गठित की गई।

राहत उपाय और चिकित्सा सहायता Hathras stampede Incident

जिला प्रशासन ने स्थानीय चिकित्सा सुविधाओं पर अलर्ट स्तर बढ़ा दिया और आपात स्थिति के जवाब में कई हेल्पलाइन नंबर सक्रिय कर दिए। आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सा टीमों की तत्परता की पुष्टि की, जिन्हें पांच एम्बुलेंस और फोरेंसिक विशेषज्ञों की सहायता भी मिली। क्षेत्र के प्रत्येक निजी अस्पताल को भी आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए अधिसूचित किया गया था। चल रहे प्रयासों में सहायता करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि घायलों को समय पर और कुशल उपचार मिले, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने एक चिकित्सा टीम भेजी।

उच्च स्तरीय समिति का गठन Hathras Satsang Incident

हाथरस सत्संग में हुई भीषण भगदड़ के बाद आगरा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) ने तुरंत एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। इस समिति से उम्मीद है कि वह घटना की विस्तृत जांच करके इस पर विस्तृत रिपोर्ट देगी। राज्य के तीन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह और असीम अरुण घटना स्थल पर मौजूद हैं, ताकि पूरी तरह से जांच हो सके। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) भी सक्रिय रूप से शामिल हैं और जमीनी स्तर पर स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

Hathras Satsang Incident

अधिकारियों के बयान Hathras Satsang Incident

कई अधिकारियों ने इस घटना पर खुलकर चर्चा की है, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि जांच कितनी गंभीर है। हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार ने इस बात की पुष्टि की है कि एक विशिष्ट समिति का गठन किया गया है, जिसे कार्यक्रम की तैयारियों की उपयुक्तता की जांच करने का काम सौंपा गया है। Hathras Satsang Incident

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घोषणा की कि भीड़ के आकार को नियंत्रित करने में असमर्थता के कारण कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी, जो अनुमत संख्या से बहुत अधिक थी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण और हृदय विदारक” बताया, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य प्रशासन भविष्य में इसी तरह की त्रासदियों को रोकने के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए दृढ़ संकल्प है।

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