Jain Protest :- पिछले दो हफ़्तों से गुजरात,राजस्थान,मध्यप्रदेश,महाराष्ट और नयी दिल्ली समेत पूरे भारत में Jain समुदाय विरोध प्रदर्शन कार रहे हैं (Jain Protest ) | Jain समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन मुख्यतः दो पवित्र स्थलों से सम्बंधित है जो की झारखण्ड में पारसनाथ पहाड़ी को एक पर्यटन स्थल और वहीँ बात की जाए गुजरात की तो विवाद एक मंदिर में तोड़-फोड़ और सम्बंधित सुरक्षा को लेकर है | इन मुद्दों में झारखण्ड का मुद्दा बेहद गंभीर है, आइये इसे विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं |
झारखण्ड में Jain Protest चरम पे |
Jain Protest (झारखण्ड ):- Jain समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक पारसनाथ पहाड़ी (Parasnath Hills) जो की सम्मेद शिखर का घर है | ऐसी मान्यता पूरे Jain समुदाय में प्रचलित है की 24 Jain Tirthankar में से 20 ने मोक्ष (Moksha) प्राप्त किया है|
फरवरी 2019 में झारखंड की सोरेन सरकार ने गिरिडीह जिले के पारसनाथ क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में अधिसुचित किया था | इतना ही नहीं देवघर में स्थित बाबा की नागरी बैद्यनाथ धाम और दुमका में बासुकीनाथ धाम जैसे पवित्र धार्मिक तीर्थों को पर्याटक स्थल के रूप में अधिसुचित कर दिया था |
अगस्त 2019 में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रलय ने पहाड़ी को एक इको सेंसिटिव जोन (Eco- Sensitive zone) घोषित कर दिया था lअधिकारीयों का कहना है कि इस क्षेत्र में पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा देने की क्षमता है और ऐसा करने से राज्य और राज्य में रहे लोगों की भलाई होगी |
लोगों में है सरकार के प्रति आक्रोश |
ब्रह्मचारी तरुण भैया जी (शिखरजी के प्रवक्ता) ने कहा कि उनको सरकार द्वारा दी गई इस अधिसुचना के बारे में हाल में ही पता चला हैl ना तो केंद्र और न ही राज्य ने पहाड़ी को एक पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र और एक पर्यटन स्थल घोषित करते समय मुख्य हिट धारक Jain समुदाय के लोगों से परामर्श किया |
भइया जी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren)समेत कई नेताओं और राजनेताओं के साथ अनौपचारिक बैचित की एक बात उन का विरोध का सहारा लिया उनको ऐसा इसे कहा क्यूंकी पिचले 01 महीने से उन्हें इस मामले में कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली |
भैयाजी के साथ Jain समुदाय का मत है कि “एक पर्यटक के रूप में यहाँ आने वाला व्यक्ति मौज-मस्ती की तलाश में होगा | आगे उन्होंने कहा है की हम इस पवित्र जगह की मर्यादा बनाए रखना चाहते हैं |
झारखण्ड सरकार की सफाई |
सीएम सोरेन ने पहले कहा था कि वह इस मामले को देख रहे हैं और अधिसूचना भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान जारी की गई थी।
गिरिडीह डीसी ने कहा कि ‘शिखरजी’ के पदाधिकारियों के साथ 22 दिसंबर को एक बैठक हुई, जहां उन्हें आश्वासन दिया गया कि साइट की मर्यादा बनाए रखी जाएगी।
उन्होंने कहा, “हमने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया है।”
![Jain Protest](https://itslore.com/wp-content/uploads/2023/01/paryushan-25-1503642248-jpg.webp)
जैन के बारे में कुछ रोचक जानकरी :-
- भारत की अर्थव्यवस्था में बड़े योगदानकर्ताओं के रूप में प्रसिद्ध, जैन अपनी शिक्षा और धन के लिए जाने जाते हैं, वास्तव में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख और बौद्धों के बाद देश के छह प्रमुख धार्मिक समूहों में सबसे छोटे हैं।
- कुछ रिपोर्टों के अनुसार, उनके पास उच्चतम साक्षरता दर 94.1 प्रतिशत है और पूरे भारत में 50,000 से अधिक मंदिर हैं।
- बहुसंख्यक समुदाय राजस्थान, गुजरात से ताल्लुक रखता है – बड़े पैमाने पर देश के पश्चिमी हिस्से – यही वजह है कि राजस्थान के कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मुद्दे पर सोरेन से बात की है।
- व्यवसाय में प्रभावशाली, जैन भारत में एकमात्र धार्मिक समूह हैं जहां बहुसंख्यक कहते हैं कि वे सामान्य श्रेणी की जाति से हैं।
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