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Jammu and Kashmir के लोगों को मिलेगी Unique ID

By sourav singh Dec26,2022

Jammu and Kashmir :- Jammu and Kashmir सरकार के द्वारा एक बहुत ही ऐतिहासिक फैसला लिया जा रहा है| भारत के हर एक नागरिक के पास Aadhar (UID) है, लेकिन खास कर Jammu and Kashmir के लोगों को एक Unique ID देने की पहेल की जा रही है| क्या है पूरी खबर आइये इसको विस्तार से जान ने की कोशिश करते हैं| जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश के सभी परिवारों का एक डेटाबेस बनाने की योजना बना रहा है, जिनमें से प्रत्येक परिवार का एक यूनिक अल्फ़ान्यूमेरिक कोड होगा।

Bhartiya Janta Party ने इस मुहीम का जमके समर्थन किया है, वहीँ अगर बात की जाए बाकी पार्टियों की तोह उन्होंने इस मुहीम का विरोध करते हुए कहा है की इनसे लाखों कश्मीरियों का पर्सनल डाटा खतरे में आ सकता है और यह देश की आर्थिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में बाधा ला सकती है|

हाल ही में हुए एक कार्यक्रम National Conference on E-Governence में इस बात की शुरुआत की गयी है|

क्या है सरकार की पहल ?

Jammu and Kashmir
Families in J&K to get Unique ID, Says L-G Manoj Sinha

Jammu and Kashmir के Vision Document के अनुसार, “प्रत्येक परिवार को एक अद्वितीय अल्फा-न्यूमेरिक कोड प्रदान किया जाएगा जिसे JK Family ID कहा जाता है। सामाजिक लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों के स्वत: चयन के माध्यम से पात्रता निर्धारित करने के लिए परिवार डेटाबेस में उपलब्ध डेटा का उपयोग किया जाएगा।”

“डेटाबेस जम्मू-कश्मीर में प्रत्येक परिवार की पहचान करेगा और डिजिटल प्रारूप में परिवार की सहमति के साथ परिवार का बुनियादी डेटा एकत्र करेगा।”  Vision Document का आगे यह कहना है कि डेटा सुरक्षा के संबंध में सभी लागू कानूनों और विनियमों का अनुपालन किया जाएगा|

कैसे होगा डाटा का प्रबंधन?

जोखिम को विफल करने और संवेदनशील और महत्वपूर्ण डेटा की रक्षा करने के लिए, जम्मू और कश्मीर सरकार ने सूचना सुरक्षा नीति पर काम करने की योजना बनाई है और उपयुक्त साइबर सुरक्षा ढांचे के निर्माण की भी परिकल्पना की है।

इस Vision Document का उद्देश्य एक ऐसा डेटाबेस बनाना है जो की Haryana के “Parivaar Pehchaan Patra” के सामान ही होगा| इस डॉक्यूमेंट के अनुसार परिवारों या व्यक्तियों को प्रत्येक व्यक्तिगत योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन नहीं करना होगा। “एक बार JK Family ID डेटाबेस में डेटा प्रमाणित और सत्यापित हो जाने के बाद, किसी लाभार्थी को सेवा का लाभ उठाने के लिए कोई और दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।”

कार्ड को परिवार के मुखिया के आधार और बैंक खाता संख्या से जोड़ा जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि यह यूटी में प्रत्येक परिवार और व्यक्ति के लिए एक एकल पहचानकर्ता होगा जो सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लिए उनकी पात्रता की तुरंत पुष्टि करेगा और न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ उनके बैंक खातों में लाभ के सीधे हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करेगा।

क्या है JK Family ID के उद्देश्य ?

डेटाबेस डुप्लीकेट राशन कार्ड और आधार की पहचान करने और उन्हें समाप्त करने में मदद करेगा, और सरकार को ऐसे परिवारों की पहचान करने में मदद करेगा, जिनमें कई शिक्षित युवा हो सकते हैं, लेकिन बिना नौकरी के। अधिकारियों ने कहा कि जहां आधार में एक व्यक्ति के बारे में जानकारी होती है, वहीं परिवार पहचान पत्र कल्याणकारी योजनाओं के वितरण में मदद करने के लिए Jammu and Kashmir परिवारों के बारे में जानकारी एकत्र करेगा।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, प्राथमिक उद्देश्य Jammu And Kashmir में परिवारों का एक प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डेटाबेस तैयार करना है ताकि पात्र लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं का त्वरित और पारदर्शी वितरण सुनिश्चित किया जा सके।

क्यूँ हो रहा है इस मुहीम का विरोध?

इस मुहीम का अर्ध-समर्थन किया जा रहा है| कुछ वर्ग इसका समर्थन तोह कुछ इसका विरोध कर हर हैं|

कई क्षेत्रीय दल सरकार के कदम के आलोचक थे।

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, “Jammu and Kashmir के निवासियों के लिए ‘एक अद्वितीय परिवार आईडी’ बनाना, विशेष रूप से 2019 के बाद से बढ़ते विश्वास घाटे का प्रतीक है। कश्मीरियों को गहरे संदेह की दृष्टि से देखा जाता है और यह लोहे की पकड़ मजबूत करने के लिए एक और निगरानी रणनीति है उनका जीवन।”

नेकां के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि Jammu and Kashmir में परिवारों के लिए प्रस्तावित यूनिक आईडी की “जरूरत नहीं” थी। “सरकार को इसके बजाय मौजूदा योजनाओं के प्रभावी वितरण पर अधिक ध्यान देना चाहिए। सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं को गड़बड़ कर दिया है,” श्री सादिक ने कहा।

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