गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को तीन नए कानूनों के अमल करने की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि आजादी के 77 साल बाद अब हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह स्वदेशी होगी और हमारे सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप होगी।

अब सजा के बजाय न्याय देने पर ध्यान दिया जाएगा, इन कानूनों के पहले अध्याय में महिलाओं और बच्चों की जरूरतों  पर जोर दिया जाएगा।

अमित शाह ने कहा कि राजद्रोह को उसके मूल से ही प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया गया है।

पहले सरकार के खिलाफ बोलना गैरकानूनी माना जाता था। इस नए कानून का उद्देश्य अधिक उन्नत न्याय प्रणाली स्थापित करना है।

अब मामलों का अपडेट 90 दिनों के भीतर पीड़ितों को ऑनलाइन भेजा जाएगा।

IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता आएगी, जिसमें संशोधित प्रावधान शामिल होंगे और साइबर अपराध तथा आर्थिक अपराध जैसी आधुनिक समस्याओं से निपटेंगे।

CrPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता आएगी, जो कानूनी कार्यवाही में तेजी लाने और पीड़ित सहायता में सुधार को प्राथमिकता देगी।

इन नए कानूनों का मुख्य लक्ष्य भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को आधुनिक और सरल बनाना है।