तिरुपति मंदिर के लड्डू मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में बहस होनी है।
इस सुनवाई को लेकर राजनीतिक विवाद है, जिसमें वाईएस जगन मोहन रेड्डी की सरकार इस मामले को संभालने के तरीके के लिए आलोचनाओं के घेरे में है।
तिरुपति मंदिर के लड्डू मामले में यह दावा किया गया है कि प्रसिद्ध प्रसाद में मिलावटी घी मिला है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दावा किया पिछली सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डू जानवरों की चर्बी और घटिया सामग्री से बनाए गए थे।
इन आरोपों के बाद संघीय जांच शुरू की गई है, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया है।
भक्त इन दावों को लेकर चिंतित हो रहे हैं और वे लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की व्यापक जांच की मांग कर रहे हैं।
TTD के कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने पुष्टि की कि कुछ नमूनों में पशु वसा और लार्ड शामिल थे, जैसा कि प्रयोगशाला परीक्षण से पता चला है।
शुद्ध दूध वसा के लिए रीडिंग 95.68 से 104.32 तक होनी चाहिए; हालांकि, घी के नमूनों में रीडिंग 20 के करीब दिखाई दी, जो मिलावट का संकेत देती है।
इन दावों का लाखों हिंदू भक्तों के साथ-साथ हिंदू समुदाय की भावनाओं पर भी गहरा असर पड़ा है।
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